जलता है जब दिया ज्ञान का,
दूर अँधेरे होते हैं।
ज्ञान को मान मिले दुनिया में,
अज्ञानी बस रोते हैं।
पढ़ा-लिखा है हीरा जग में,
अनपढ़ तो इक पत्थर है।
एक का मोल करोड़ों में तो,
दूजा पग की ठोकर है।
पाते हर सुख ज्ञानी जग में,
अज्ञानी बस खोते हैं।
इसकी सुनकर उसकी सुनकर,
काम बिगाड़ा तूने अपना।
तेरी अनपढ़ता के कारण,
धोखा देगा तेरा अपना।
चलकर केवल ज्ञान के पथ पर,
हर सपने सच होते हैं।
.......सुरेन्द्र कुमार........
--- via #MMSSamvaad
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