माँ ने सुनाई एक कहानी
माँ ने सुनाई एक कहानी ,
उस नगर की जहाँ ,
रहती थी प्रकृति की महारानी ,
सूर्य का स्वागत करते थे वहाँ के,
पशु पक्षी और ज्ञानी ,
माँ ने सुनाई एक कहानी.....
गरजते थे जहाँ काले-काले बादल,
और होती थी जहाँ,
रिमझिम -रिमझिम बारिश ,
नन्हीं-नन्हीं बूँदों की ताल पर ,
नाचते थे पक्षी और लहराती थी,
फूलों की डाली,
मधुमक्खियों की मधुर गुंजन से ,
संगीत में डूब जाती थी,
जंगल की गली-गली,
फूलों की मुस्कान में,
साथ देती थी ,
जंगल की कली- कली.
दूर -दूर तक नज़र आता था ,
बस बारिश का पानी.
माँ ने सुनाई एक कहानी ,
उस नगर की जहाँ रहती थी,
प्रकृति की महारानी.
.....मुस्कान सहगल , VI DD, VIS.
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