हमें दिया है धरती ने,
जीवन का ये वरदान सुनो।
उसके अहसानों को मानो,
मौत के मत सामान चुनो।
सुनो धरा पर अगर एक भी,
वृक्ष नहीं रह जाएगा।
ना तो वर्षा होगी,
प्राणी प्यासा ही मर जाएगा।
हरियाली खुशहाली चुन लो,
मत लोगों श्मशान चुनो।
जिस धरती ने तेरे भीतर,
प्राणों का संचार किया।
उस धरती के सीने में तूने,
खंजर से वार किया।
अब तो तौबा कर लो,
हैवान नहीं इंसान बनो।
उसके अहसानों को मानो,
मौत के मत सामान चुनो......
.......सुरेन्द्र कुमार......
--- via #MMSSamvaad
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